Sunday, 17 September 2017

Saturday, 15 October 2016

जीवन दान 

                        हमारे मानव समाज में सदियों से यह चला आ रहा है कि जीवन का मूल्य केवल वाही जान पता है जो अपने जीवन कल में अनेको भिन्न भिन्न परिस्थियों को झेलता हैं।  अन्यथा जो सदैव कठिनाइयों से कोसो  हो वह क्या जाने की मुसीबत क्या होती हैं।  कुछ मुशिबते ऐसी भी होती हैं कि जो जिसपे आती हैं उससे ज्यादा उसके करीबियों को दुखी करती हैं और इस प्रकार की मुसीबते होती तो काम हैं मगर जब होती हैं सचमुच खून के आंसू रुला देती हैं।  जरुरत इस बात की हैं कि ऐसी मुसीबत हैं क्या जो हमें ज्यादा परेसान करती हैं। 

Sunday, 27 December 2015



HAPPY NEW YEAR
||2016||

क्या किया उसने जो उसका ख्याल आ गया। 
किसी को  जबाब तो किसी को सवाल भा  गया। 
रात का  ख्वाब जब टूटा तो आँखे चकाचौध हो गयी ,
देखा जब एक नजर रौशनी में , नया आ गया। 


मैं शेष नाथ आप सभी भारत वाशियों को नए वर्ष की ढेर सारी शुभकामनाएं देता हूँ और आशा करता हु की आप सभी लोग भी हमारी तरह भारतवर्ष को स्वच्छ और सुन्दर बनाने में अपना सहयोग बनाये रखेंगे। 

आइये इस नव वर्ष पर संकल्प ले कि न नशा करेंगे ना ही किसी को करने का सलाह देंगे. 
दोस्तों देश तभी सुधरेगा जब हम सुधरेंगे। 
-:-शेष नाथ 

Thursday, 13 August 2015

मै शेष नाथ स्वंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभ कामनाएं देता हूँ। 
मुझे विश्वास हैं कि आप भी मेरी तरह भारत होने का गर्व और ख़ुशी महशुस कर रहे होंगे।
तो आइयें हमारे साथ और  भारत के उन महान बलिदानी सपूतो तहे दिल सुक्रिया अदा करते हैं और उन्हें याद करते हुए यह संकल्प लेते हैं कि हम भारत को हिंसा , पाप, अत्याचार, आतंक  और अन्याय से मुक्त करेंगे। 

एक -एक  बूंद जल मिलकर  जाता हैं सागर गहरा और विशाल। 
अब बारी आज  हमारी देना हैं अदभुत मिशाल। 
फिर से हम अपने भारत को सुन्दर स्वच्छ बनाएंगे। 
क्या हैं हम और कौन हैं हम ये दुनिया को दिखलायेंगे। 
हम युवा किस्मत के लकीरो में लिख देंगे यह पैगाम। 
हम नहीं हारने वाले अब बनेगे हम अब्दुल कलाम। 
छेड़ेंगे हम फिर से आंदोलन होगा न कोई बेकाम। 
हम हैं हिंदुस्तानी , हिंदुस्तान तुझे सलाम। 


जय हिन्द  ***  जय भारत 
जय जवान  ***  जय किसान 

                                                                          शेष नाथ १४/०८/२०१५ 

Sunday, 9 August 2015

आज के विचार 

१.  अँधेरा कितना भी घना हो वह उजाले से सदा नीचे रहता है. ठीक उसी प्रकार मनुष्य की बुराई कितनी भी बड़ी हो वह अच्छाई से सदैव पराजित हो जाती हैं।  अतः आप अच्छाई का मार्ग अपना के देखिये विश्वास कीजिये आपकी बुराई सदियों के लिए दूर हो जाएगी। 
                                                                                                               शेष नाथ    १०/०८/२०१५ 

२. इस सारे संसार में केवल एक ही प्राणी है जो आपको समझ सकता हैं , वह कोई और नहीं बल्कि तुम स्वयं हो. अतार्थ स्वयं को परखो और बुराई हिंसा व् अत्याचार का मार्ग छोड़कर न्याय धर्म व् अहिंषा का मार्ग अपनाओ , विश्वास करो तुम कदाचित बुरे नहीं हो। 
                                                                                                                  शेष नाथ    १०/०८/२०१५             
३. अगर तुम्हे कोई बुरा कहता है तुम उसका जबाब क्यों देते हो , क्योकि तुम भी बुरे हो।  अच्छा आदमी भला बुराई को कब देखता हैं।  उसका नजर तो हमेसा अच्छाई ढूढने में होता हैं।  तुम बुरे नहीं हो अतः बुराई मत ढूढो। 
                                                                                                                   शेष नाथ    १०/०८/२०१५ 
४.  एक अनजान ब्यक्ति ने तुम्हे कह दिया की मैं तुम्हारा गुरु हु तुमने आँखे बंद करके उसके पीछे चल  दिया , मगर जब तुम्हारे माता-पिता ने तुमसे कहा तो तुमने क्यों नहीं सुना , क्योकि की वे तुम्हारे साथ रहते है. मुर्ख अज्ञानी मनुष्य जो हमेसा तुम्हे अच्छाई का मार्ग बताये और हमेसा तुम्हारे साथ रहे वही गुरु हैं और वही ईश्वर हैं.       
                                                                                                                शेष नाथ    १०/०८/२०१५       
५. परमात्मा तुम्हारे साथ हैं तुम ब्यर्थ में क्यों डरते हो? किससे डरते हो ? कौन हैं जो तुम्हे पराजित कर सकता हैं ? कोई नहीं।  तुम अच्छे कर्म करके देखो तुम सदा विजयी रहोगे।  क्योकि डरना पाप से चाहिए क्योकि पाप मृत्यु की ओर ले जाता  हैं, और पुण्य अमरता  ओर।  तुम खुद सोच लो की तुम्हे किधर जाना हैं।  
                                                                                                                शेष नाथ    १०/०८/२०१५       


Monday, 27 July 2015

कलाम  को आखिरी सलाम 


भारत का  एक और फरिस्ता चला गया। 
लगा पार  भारत का नाव , फरिस्ता चला गया। 

जब - जब चाह किया हमने इतिहास बदलने का। 
दिया कलाम ने मार्ग नया भारत को चलने का। 
अब आँखों के आंसू रुकते नहीं रोके। 
पाएंगे कहा फिर सुख ऐसा सारथी खोके। 

छोड़ हमारा हाथ फरिस्ता चला गया। 
लगा पार  भारत का नाव , फरिस्ता चला गया। 

जुड़ गया  अब इक नयी कहानी इतिहास के पन्नो में। 
कहा मिलेगा ऐसा हिरा दुनिया के हीरो , पन्नो में। 
थम गया हैं आसमा और गगन इस शोक के आसु को लेकर। 
रोता है हर दिल का धड़कन यह अमूल्य रत्न वापस देकर। 

हर भारतवासी का है महान कलाम को सत - सत बार सलाम , फरिस्ता चला गया। 


लगा पार  भारत का नाव , फरिस्ता चला गया। 

                                                                                                             शेष नाथ 

Sunday, 12 July 2015





ईश्वर की सच्ची भक्ति अपने आप पर भरोसा और बिश्वास है. जो लोग खुद पर यकीं रखते है उन्हें कभी कोई अषफलता मिलती।